Wednesday, 1 November 2023

एहसास

हमने निभाया तो वह हमारा फर्ज था
तुमने निभाया तो वह तुम्हारा एहसान था
इस जहां में हर एक चीज की कीमत होती है
वह तो अदा करना ही पडता है
लेना- देना यह तो प्रकृति का नियम 
न फर्ज न एहसान 
बस एहसास चाहिए 
हम एक - दूसरे के बिना नहीं  ।

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