Friday, 3 November 2023

जाने वाले लोग

लोग चले जाते हैं दुनिया छोड़ 
कुछ लेकर नहीं जाते हैं 
जाते अकेले ही हैं 
बस अपनी यादें छोड़ जाते हैं 
क्या सच यही है 
नहीं  इससे परे कुछ और ही है
वास्तविकता तो यह है 
वे अकेले नहीं जाते
हमारी खुशी हमारा सुख चैन भी उनके साथ ही जाता है
वे बस शरीर से जाते हैं 
फोटो में टंग जाते हैं 
माला - फूल चढता है
जो उस फोटों को रोज रोज देखता है
उनके मन से पूछो
उनके बैठने के स्थान से पूछो
उनके लाए सामान से पूछो 
उनकी हर बार टोकने की आदत से पूछो
उनके टी वी के सामने खडे होने की आदत से पूछो
उनकी हर हरकत याद आती है
लगता है 
मुस्करा कर पूछ रहे हो
क्यों हम तो नहीं 
अब कैसा लगता है
अब कोई शिकवा शिकायत नहीं ना
यही तो बात है
है ना बहुत है ।


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