वे अपने आप को इतना परफेक्ट समझते हैं
कि हर शख्स में उन्हें कमियां ही नजर आती है
वे हर वक्त हमें तौलते हैं
मापते हैं
गल्तियां निकालते हैं
कौन समझाए कि तुम खुदा नहीं
तुम भी इंसान हो
यही तो तुम्हारी सबसे बडी खामी
तुम इंसान होकर भी अपने को इंसान नहीं समझते हो
ईश्वर का दर्जा ले नहीं सकते
क्योंकि तुम वह हो नहीं
हो भी नहीं सकते
बस एक बात समझ लो
जिस दिन तुम सत्य स्वीकार कर लोगे
हो सकता है खुदा के करीब हो जाओ
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