अब यह इस पर निर्भर करता है
वह अंधेरा कितना घना होगा
कितना लंबा होगा
यह तो कोई नहीं जानता
अंधेरे से प्रकाश में आने के लिए
पता नहीं किन - किन रास्तों से गुजरना पडता है
कुछ तो प्रकाश की ओर पहुँच जाते हैं
कुछ अंधेरे में ही दम तोड़ देते हैं
कुछ अनाम हो जाते हैं
कुछ तो पहुँचते पहुँचते रह जाते हैं
दूर से ही प्रकाश को आते हुए देखते रह जाते हैं
यह यात्रा इतनी आसान नहीं होती
बहुत बार गिरना पडता है
चोट खानी पडती है
सब्र करना पडता है
विष का घूंट पीना पडता है
तब जाकर वहाँ तक पहुंचते हैं
संघर्षों के पायदान पर चढकर प्रकाश हासिल होता है ।
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