सबके मन में अजब उल्लास है
इस बार की जनवरी तो जन - जन की रही
दो हजार चौबीस को कैसे कोई भूलेगा
गणतंत्र मिला था हमको आजादी के बाद
पांच सौ वर्षों बाद आजाद हुए हमारे भगवान
मन में थी कहीं एक कसक
कैसे होंगे आजाद हमारे प्रभु
एक दूत आया उनका
बीडा उठाया उसने
कहना था उसका
अयोध्या में तभी कदम रखूगा
जब राम लला विराजमान होंगे
वह शुभ घडी आ ही गई
हिन्दू अब जाग उठा
स्वाभिमान से भर उठा
बरसों की त्याग और तपस्या पूरी हुई
राजा राम को मिला अपना घर
एक मिली थी तब आजादी
अब मिली है दूसरी आजादी
संविधान और सुप्रीम कोर्ट का पालन हुआ
गणतंत्र का मान रखा
भगवा फहराया है गर्व से
तिरंगा लहराएगा उल्लास से
जय जय भारत गूंजेगा
दुनिया में डंका बजेगा
राह दिख रही है सबको
अब न शंका किसी को
विश्व गुरू बनेगा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
झंडा ऊंचा रहें हमारा
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