पाप और पुण्य किसी न किसी रूप में प्रकट हो ही जाते हैं
छल किया है तो फल जरूर मिलेगा
आज नहीं तो कल अवश्य
कांटे तुमने बोकर मानो जग जीत लिया
वह कांटे कील बनकर आएंगे
तब हाथ से निकलकर फेंकना ही काफी नहीं होगा
टिटनेस का इंजेक्शन भी लगवाना पडे
हो सकता है उस अंग को भी काटना पडे
ऊपरवाला सब देख रहा है
जब आदमी असहाय हो जाता है तो वह तो है
वह तो असहाय नहीं है
ब्रह्माण्ड के स्वामी से न्याय तो मिलेगा
जमीन पर वाले न्यायालय से भले न मिले
किसी की मन से दुआ और बद्दुआ भी कभी व्यर्थ नहीं जाती
अगले जन्म क्या इसी जन्म में दिखने लगे
तैयार रहो परिणाम भुगतने को
डरो जरा
अपने को बाहुबली मत समझो
बडे बडे आए और गए
सब मिट्टी में मिल गए
घमंड तो रावण का नहीं रहा
अन्याय तो दुर्योधन का भी नहीं रहा
जब पाप का घडा भरता है ना
तब वह आता है
जब उसकी दृष्टि पडती है
तब सब डांवाडोल हो जाता है
मनुष्य से न डरे भगवान से अवश्य डरे ।
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