काश मैं यह कर पाता
काश मैं यह कह पाता
काश मैंने ऐसा किया होता
काश मैंने यह नहीं किया होता
काश मैंने उस समय सही निर्णय लिया होता
काश मैं उनसे अंतिम समय में यह बातें कह पाता
काश मैं समझदारी दिखाता
काश मैं अपनी गलती मान लेता
काश मैं उन्हें माफ कर देता
काश मैं उनसे कुछ सबक सीखता
ऐसे न जाने कितने काश ! हमसे छूट जाते हैं
हम इसी कश्मकश में रह जाते हैं
कि
काश ! ऐसा हुआ होता
समय बीत जाता है
काश हमारे हाथ से छूट जाता है
बस हम हाथ मलते रह जाते हैं हाथ मिलाने की जगह
काश काश काश का राग अलापते एक दिन उसी जगह चल देते हैं जहाँ से आना संभव नहीं
जाते समय भी सोचते हैं
काश ! जिंदगी थोड़ी और मिल जाती तब सब ठीक कर देते
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