Tuesday, 13 February 2024

तुम जैसे लोग

रिश्तों की कद्र करते करते हम अपने को भूल गए 
रिश्ते तो पीछे छूट गए 
हम कहीं के न रह गए 
सबकी भलाई देखी अपनी न सोची
सबका भला हो गया 
हम मझधार में अटके रह गए 
आज नैया मझधार में है
सबके मुख बंद 
ऑखें बंद 
हमने भी उस वक्त ऑखें बंद की होती
तब तुम ऑखें दिखाने लायक न रहते
अब इतना घमंड कि हमें छोड़ दिया 
अगर हमने तुमको छोड़ा होता तो तुम कहीं के न रहते
भला करना बुरा है
यह तुमने सिखा दिया
चालाकियों से हमें चकमा दे दिया
ठीक है तुम्हारी करनी तुम्हारे साथ 
तुम सोचो और क्या करना है
इससे पहले हम तुम्हारी सोच से आगे निकल जाएंगे 
बहुत ठग लिया मुखौटा ओढ
अब सब नाकाब होगे
तुम्हारी असलियत सब उजागर होगी 

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