रिश्ते तो पीछे छूट गए
हम कहीं के न रह गए
सबकी भलाई देखी अपनी न सोची
सबका भला हो गया
हम मझधार में अटके रह गए
आज नैया मझधार में है
सबके मुख बंद
ऑखें बंद
हमने भी उस वक्त ऑखें बंद की होती
तब तुम ऑखें दिखाने लायक न रहते
अब इतना घमंड कि हमें छोड़ दिया
अगर हमने तुमको छोड़ा होता तो तुम कहीं के न रहते
भला करना बुरा है
यह तुमने सिखा दिया
चालाकियों से हमें चकमा दे दिया
ठीक है तुम्हारी करनी तुम्हारे साथ
तुम सोचो और क्या करना है
इससे पहले हम तुम्हारी सोच से आगे निकल जाएंगे
बहुत ठग लिया मुखौटा ओढ
अब सब नाकाब होगे
तुम्हारी असलियत सब उजागर होगी
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