मन में ना जाने कितने रंग समाएं
जीवन ही रंगबिरंगा
चलो कुछ उसमें और रंग बिखराए
रंगों की तो बात निराली
शुभ्र और स्याह रंग भी चलते साथ साथ
हर रंग अपने में होता है खास
इस जीवन ने तरह तरह के रंग देखें
रंग बदलते लोग
रंग बदलती दुनिया
तब भी जिंदगी लगती है खूबसूरत
कुछ रंग जो अपने हैं खास
तभी तो जीने की है आस
यादों के भंवर में विचरण किया जाएं
हर रंग का मजा लिया जाएं
कुछ मन के पास कुछ मन के खास
मन मयूर नृत्य करता उनके साथ
यादों के रंगों में डुब लिया जाएं
होलिका में उन्हें भी याद कर लिया जाएं
कुछ मुख पर मुस्कान
कुछ ऑख में पानी
यही तो है हर जीव की कहानी
No comments:
Post a Comment