Sunday, 17 March 2024

डर क्यों जब वह हो

उससे लाख शिकायत हो
उसकी हर बात नापसंद हो
उसकी हर चीज नागवार गुजरती हो
उस पर क्रोध भी जमकर आता हो
उस पर अपना एकाधिकार हो
यह सब होकर भी 
जो दिल के पास रहता हो
उसके जैसा प्यारा और कोई ना हो
ख्यालों में जो रचा बसा हो
उससे इस जन्म में नाता तोड़ना संभव ना हो
वह तो बस एक ही होती है
वह है माता
सारे संसार की सबसे खुबसूरत 
उसकी जगह भगवान से भी ऊपर 
उसकी छत्रछाया हो जिस पर 
उसे किसी से क्यों डर 

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