उसकी हर बात नापसंद हो
उसकी हर चीज नागवार गुजरती हो
उस पर क्रोध भी जमकर आता हो
उस पर अपना एकाधिकार हो
यह सब होकर भी
जो दिल के पास रहता हो
उसके जैसा प्यारा और कोई ना हो
ख्यालों में जो रचा बसा हो
उससे इस जन्म में नाता तोड़ना संभव ना हो
वह तो बस एक ही होती है
वह है माता
सारे संसार की सबसे खुबसूरत
उसकी जगह भगवान से भी ऊपर
उसकी छत्रछाया हो जिस पर
उसे किसी से क्यों डर
No comments:
Post a Comment