बिस्किट का जमाना गया साहब
मैंने कहा नहीं
ऐसा नहीं है
बिस्किट तो बिस्किट है
हर जगह उपलब्ध है
आकार - प्रकार बदले
स्वाद तरह तरह के
कभी मीठा कभी नमकीन कभी चीजों
कुछ मिले ना मिले
यह मिल जाएगा हर घर
सफर में भी इसका आधार
बडे छोटे , अमीर गरीब
हर किसी को भाता
बिस्किट का जमाना कहीं नही जाता
कल भी आज भी और कल भी
हर मौसम का साथी
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