Saturday, 6 April 2024

यहाँ क्या मिला

मत पूछो 
यहाँ क्या मिला 
जो भी मिला लाजवाब मिला
किसी का प्रेम मिला तो किसी का अपनापन
किसी की हंसी मिली तो किसी की निश्छल मुस्कान 
किसी की नजरों में सम्मान मिला
किसी के दिल में अपना वास मिला
बुढापे की झुर्रियों में छिपा त्याग मिला
स्वर्ग से आशीर्वाद देता कोई अपना मिला
किसी की तोतली बोली में अपना अख्श मिला
किसी के नन्हीं ठुमकती चालों में अपना बचपन मिला
किसी के गुस्से में अपने लिए चिंता मिली
किसी की झिडकी में भरपूर प्यार मिला
इस संसार में क्या रखा है 
सब बेकार है
अरे अपनों का साथ है
पद और प्रतिष्ठा है
जीवन जीने का साधन है
एक सुंदर सा घर है
ईश्वर की कृपा से इतना कुछ है
ज्यादा नहीं फिर भी है
संघर्षों से सामना पडा अवश्य 
वह जिंदगी भी क्या जो समतल हो
उबड खाबड़, उतार- चढ़ाव 
इससे तो भागा नहीं जा सकता 
सामना कर हासिल करना 
तभी तो जिंदगी मुस्कराएगी 
सांस चलना और गतिशीलता जिन्दा रहने की निशानी
ईश्वर की कृपा से सब सही सलामत है 
और क्या चाहिए 
जो भी मिला लाजवाब मिला 

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