Tuesday, 9 April 2024

मैं मिट्टी का दीपक

मैं मिट्टी का दीपक 
जलना मेरा काम
लाख आंधियाँ या तूफान हो
कब तक मुझे डराएगी 
मैं बुझ बुझ कर जल उठता हूँ 
जब तक रहें तेल और बाती
लाख अंधेरा गहरा हो
राह दिखाना मेरा काम 
कर्तव्य पथ में पीछे रहना
यह मेरा है स्वभाव नहीं 

No comments:

Post a Comment