हमेशा मार्डन रहने वाली से पति ने कहा
मेरे लिए क्या इतना भी नहीं कर सकती हो
उसने मुस्कराकर मान लिया
बात खाना बनाने की थी जो उसकी रूचि में समाविष्ट नहीं
पति की फर्माइश थी
तुम्हारे हाथ का अच्छा लगता है
उसने दुनिया भर के व्यंजन सीख लिए
ऐसे ना जाने कितनी अपने को बदल लेती है
कब पति की पसंद उसकी पसंद हो जाती है
उसे पता ही नहीं चलता और
वह असतित्व और व्यक्तित्व दोनों समाप्त कर कठपुतली बन जाती है प्यार के नाम पर
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