कोई हमें क्या बताएंगा
हमें कोई क्या जताएंगा
हम इतने साधारण भी नहीं
हमें ऐसा - वैसा समझने की भूल ना करें कोई
हमारी औकात से पहले अपनी औकात भी जान लें
अपने को पहले हमारे जैसा बना कर तो दिखाओ
सारी हेकड़ी धरी की धरी रह जाएंगी
हमें समझ तो लो पहले
हम सबकी समझ में भी नहीं आते
हम दिल को तव्वजों देते हैं
हम प्रेम की भाषा बोलते भी है
जानते भी हैं
ना औकात दिखाते हैं
न देखते हैं
दिल देखते हैं वह भी दिल से
औकात दिखाने वालों से दूर ही रहते हैं
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