Saturday, 14 December 2024

क्या करु

वे  मेरे घर आए थे 
मुझसे उनको सहानुभूति थी 
अच्छी - अच्छी बातें की 
सांत्वना दी 
मैं भी भावुक हो गया 
अपना दिल खोलकर रख दिया 
मन भी हल्का हो गया
सुना था दुख बांटने से कम होता है 
यहाँ उसका उल्टा हो गया 
अगले दिन मेरा दुख खबर बन गया था 
हर जगह चर्चा शुरू 
अब जो मिलता पूछता 
मैं परेशान 
करु तो क्या करु 
ऐसा लगा 
मैं कोई सेलिब्रिटीज हूँ 
साधारण मनुष्य से विशेष 
यह मुझे रास नहीं आ रहा 

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