कंबल - रजाई- स्वेटर सब बाहर
पहन कर भी ठिठुरतें
प्रकृति को देख लो जी भर
बर्फ की चादर ओढ़ मुस्का रही है
ठंड में ठिठुरा रही है
उसका सौंदर्य भी गजब सा
बस दूर से देख लो
हमको भी जी लेने दो
अगर की छेड़-छाड़
तब तो कयामत बरपा दूगी
बर्फीली वादियों में भ्रमण कर लो
तुम भी जीओ मुझे भी जीने दो
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