Friday, 13 December 2024

मेरी जिम्मेवारी

कल का अनुभव कुछ खास नहीं
अक्सर ही ऐसा होता है 
एक मेरी जन्मदात्री 
एक की मैं जन्मदात्री 
दोनों से मैं मिली 
एक प्रभात की तरफ 
दूसरी की सांध्य बेला 
उसमें मैं कहाँ 
महसूस हुआ 
मैं तीव्र चमचमाती दोपहरी 
सेतु हूँ बीच की 
एक का मैं अंश
एक मेरा अंश
एक का मैं खून 
दूसरा मेरा खून
दोनों ही दिल में समाए 
कर्तव्य भी दोनों के प्रति 
किसके प्रति ज्यादा किसके प्रति कम 
महसूस हुआ 
जिसकी जन्मदात्री मैं हूँ 
एक मां है एक की मां मैं हूँ 
जिनको लाने का कारण मैं हूँ 
तब जिम्मेदारी भी ज्यादा उसी की 

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