Wednesday, 18 December 2024

आया दिसंबर

सब गुजर जाता है
जनवरी भी आती है नयी आशा के साथ 
दिसंबर भी जाता है आने वाले नयी आशा के साथ 
यही चलता आया है
सब अपनी - अपनी छाप छोड़ जाते हैं
जीवन ऐसे ही गुजर जाता है 
वक्त के साथ हम भी चलते रहते हैं
बार - बार पीछे मुड़कर देखते हैं
बार- बार हम आगे की सोचते हैं
करते वही है जो वर्तमान में घटित होता रहता है 
जीते तो वर्तमान को ही 
भूत - भविष्य पीछा नहीं छोड़ते 
कल का पता नहीं
दिसंबर भी आएगा 
जनवरी भी आएगी 
पते की बात तो जीवन है
वह ही रहे सलामत 
ये महीने ये साल 
आते - जाते रहेंगे 

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