Wednesday, 18 December 2024

बदला क्या ???

मैंने रातों में जगकर देखा है
मैंने भोर में उठकर देखा है
मैंने काम कर देखा है
मैंने चुप रहकर देखा है
मैंने बोलकर भी देखा है
मैंने बर्दाश्त करके भी देखा है 
मैंने धीरज रख कर देखा है 
हर चीज का अनुभव लेकर देखा है
नहीं मायने इन सबका 
अब समझ में आता है 
जब जो होना है 
वह ही होना है 
जैसे होना है 
वैसे ही होना है 
परिस्थिति तुम्हारे हाथ में नहीं
लाख कोशिश कर लो
तुम किसी को बदल नहीं सकते 
सबकी अपनी सोच 
अपना नजरिया 
तब बस एक ही राह
सबको नजरअंदाज 

No comments:

Post a Comment