Monday, 16 December 2024

अब तो बस

कब तक जुल्म करोगे 
कब तक मारोगे 
कभी गर्भ में कभी बाहर
कब तक प्रताड़ित करते रहोगे 
कब तक उसको गुलाम बना कर रखोगे 
कब तक उसकी उन्नति में बाधक बनोगे 
अंदर नहीं तो बाहर 
उसको शांति से जीने नहीं दोगे 
अब तो सुधर जाओ 
अन्यथा कहीं के न रहोगे 
ना धर्म बचेगा
ना तुम्हारा घर-परिवार 
आदर दो 
अधिकार दो 
बराबर का समझो 
उसे संगिनी और साथी समझो 
अकेले न तुम चल सकते हो
न परिवार और संसार
बहुत हो गया
अब तो बस ।।

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