Monday, 16 December 2024

दिन भर की तैयारी

आज सुबह कुछ यू हुई
नींद खुली और ली अंगड़ाई 
जरा नजर बाहर को डाली 
पसरी थी नीरव शांति 
सब थे प्रतीक्षारत 
कब हो सूर्योदय 
कब हम लगे काम पर
धीरे - धीरे आने लगे 
प्रकाश फैलाने लगे 
होने लगी हलचल 
हवा मदमस्त हो चलने लगी 
पत्तों सरसराने लगे 
चिड़ियों की चीं चीं 
कौओ की कांव-कांव 
कबूतर की गुटरगू 
गाय का रंभाना 
गाड़ी की पौ पौ
रेल की छुकछुक 
दूध और अखबार वालों की भागम-भाग 
मानो कह रहे हो 
छोड़ो आलस 
हटाओ रजाई और चादर
नींद को कहो बाय - बाय 
कमर कसकर कर लो 
आज दिन भर की तैयारी 


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