Wednesday, 8 January 2025

वह मंजर

आशियाना जल रहा था 
कुछ लोग सांत्वना दे रहे थे
कुछ लोग चिल्ला रहे थे 
कुछ पानी डालने की कोशिश कर रहे थे 
कुछ हाथ - पैर मार रहे थे कि कैसे बचाया जाए 
कुछ वीडियों शूट कर रहे थे 
कुछ खड़े हो तमाशा देख रहे थे 
कुछ देखते - देखते आगे बढ़ रहे थे 
शामिल और उपस्थित तो सभी थे 
जब सब ठंडा हो जाएगा
इसमें से कुछ याद रहेगे 
कुछ भूला दिए जाएगे
लेकिन मुश्किल घड़ी से निकल जाने के बाद
हमारा भी नजरिया वैसा नहीं रहेगा 
सामने आने पर सब मंजर घूम जाएगा 
कि कौन , कौन सी भूमिका निभा रहा था 

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