Sunday, 23 February 2025

जी लो

जिसको साथ रहना था वह रहा
जिसका साथ छूटना था वह छूटा
किसी ने जान बूझकर छोड़ा
किसी का असमय छूटा 
मिलते गए छूटते गए 
कुछ पल खुशी के बांटे 
कुछ टाइम पास भी किया
किसी से वैसे नहीं जुड़ाव हुआ 
जिसे खास कहा जाए 
कभी रोए भी कभी हंसे भी
कभी मन खोलकर रखा
कभी चिंता और टेंशन व्यक्त किया
कभी गुस्साए भी 
हमें लगा कि हमसे कोई नजदीक क्यों नहीं हो पाता 
क्या हममें कुछ दोष
नहीं ऐसा नहीं है 
जिस स्टेशन पर जिसको उतरना था 
उतरेगा ही 
हमारे लिए थोड़ी रुकने वाला 
यहाँ सब संबंध अपने मतलब से चलते हैं 
कुछ न कुछ रहता ही है 
तो सब बातें छोड़ दो 
मन पर बोझ मत लो 
किसी का छूटा तो वजह आप नहीं 
हां यह दीगर बात कि कोई आपमें कमी निकाल छोड़ चला हो
रुकना तो उसे वैसे भी नहीं था 
अकेले आए हैं अकेले जाना है 
न कोई साथ खुद के साथ रहें
खुश हो ले , निहार ले 
ईश्वर का शुक्रिया अदा करे
जीवन जो मिला है उसे मनपूर्वक जी ले 

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