जिसका साथ छूटना था वह छूटा
किसी ने जान बूझकर छोड़ा
किसी का असमय छूटा
मिलते गए छूटते गए
कुछ पल खुशी के बांटे
कुछ टाइम पास भी किया
किसी से वैसे नहीं जुड़ाव हुआ
जिसे खास कहा जाए
कभी रोए भी कभी हंसे भी
कभी मन खोलकर रखा
कभी चिंता और टेंशन व्यक्त किया
कभी गुस्साए भी
हमें लगा कि हमसे कोई नजदीक क्यों नहीं हो पाता
क्या हममें कुछ दोष
नहीं ऐसा नहीं है
जिस स्टेशन पर जिसको उतरना था
उतरेगा ही
हमारे लिए थोड़ी रुकने वाला
यहाँ सब संबंध अपने मतलब से चलते हैं
कुछ न कुछ रहता ही है
तो सब बातें छोड़ दो
मन पर बोझ मत लो
किसी का छूटा तो वजह आप नहीं
हां यह दीगर बात कि कोई आपमें कमी निकाल छोड़ चला हो
रुकना तो उसे वैसे भी नहीं था
अकेले आए हैं अकेले जाना है
न कोई साथ खुद के साथ रहें
खुश हो ले , निहार ले
ईश्वर का शुक्रिया अदा करे
जीवन जो मिला है उसे मनपूर्वक जी ले
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