जिसने झेला ही नहीं
वह क्या जाने
दर्द क्या होता है
जब तन - मन आहत होता है
तब दर्द होता है
दिल दुखता है
जब अपनों को दर्द होता है
उस दर्द का एहसास हमें भी होता है
दर्द उसको पीड़ा हमको
स्वयं का दर्द सह भी ले
किसी अपने का दर्द नहीं सहा जाता
दर्द दिखता नहीं
पर जीवन झकझोर कर रख देता है
सब कुछ उथल-पुथल कर डालता है
सारे सपने - आशाएं तोड़ डालता है
एक भिकारी से भी बदतर कर डालता है
किससे कहे
किसे दिखाए
कौन समझे
मेरा दर्द न जाने कोई
सुख के सब साथी
दुख का न कोई
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