ये है शरीर का धर्म
तुम करो अपना कर्म
उम्र ने दी है दस्तक
अब छोड़ दो सब झंझट
क्या करना है दस्तावेज का
अब बस अपना ध्यान रखो
चिंता करने की अब शक्ति नहीं
चिंता कर चित्त हो जाओगे
उन्हीं पर बोझ बन जाओगे
जिसके लिए चिंतित हो
समय को समेट लो
बस अब अपने लिए
कुछ समय तो गुजार लो जीवन संग
हंसकर- बोलकर
समय के साथ तो सब गुजर जाना है
गुजरने के पहले हर पल जी लो
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