खोले कुछ पन्नों को
याद किया उन लम्हों को
कभी याद आए वो पल तो आ गई मुस्कान
कभी याद आए वो पल जो दुखद थे
ऑखों में आँसू भर आए
हंसी अचानक गायब
मन भारी हो उठा
सुख के साथ दुखद स्मृतियां
यह शायद पीछा नहीं छोड़कर जाने वाली
समय - असमय पर आ ही जाती जेहन में
बंद कर दी किताब को
नहीं पढ़ना है पास्ट को
जो है पास वही अपना
इस पल को जी लें
यादों के सहारे जीवन नहीं कटता
हर दिन नई कहानी लिखनी होती है
छोड़ो कल की बातें ,कल की बात पुरानी
नई डगर पर लिखनी नई कहानी
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