Sunday, 20 July 2025

नई कहानी

आज जिंदगी की किताब पढ़ने का मन हुआ 
खोले कुछ पन्नों को 
याद किया उन लम्हों को 
कभी याद आए वो पल तो आ गई मुस्कान 
कभी याद आए वो पल जो दुखद थे 
ऑखों में आँसू भर आए 
हंसी अचानक गायब 
मन भारी हो उठा 
सुख के साथ दुखद स्मृतियां 
यह शायद पीछा नहीं छोड़कर जाने वाली 
समय - असमय पर आ ही जाती जेहन में 
बंद कर दी किताब को 
नहीं पढ़ना है पास्ट को 
जो है पास वही अपना 
इस पल को जी लें 
यादों के सहारे जीवन नहीं कटता 
हर दिन नई कहानी लिखनी होती है 
छोड़ो कल की बातें ,कल की बात पुरानी 
नई डगर पर लिखनी नई कहानी 

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