Thursday, 24 July 2025

जो है वह है

न शिकवा न शिकायत 
अब मन ही नहीं करता 
जो है जैसा है सब अच्छा 
मन का तो कभी हुआ नहीं 
जो होना है वहीं होना है 
तब होने दो 
कोई क्या कर लेगा 
तुम क्या कर लोगे 
नियति को मान लो 
हंसकर या रोकर 
मन से या बेमन से 
होइहै वही जो राम रचि राखा 

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