Wednesday, 30 July 2025

ईश्वर ने क्या दिया

ईश्वर ने मुझे कुछ नहीं दिया 
मेरी जिंदगी मे ही ऐसा क्यों है 
हमेशा मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है
ऐसी शिकायत गाहे - बगाहे रही है 
आज अचानक मन में आया 
ईश्वर ने मुझे दिया क्या है यह सोचा 
पता चला कि 
उन्होंने मुझे क्या कुछ नहीं दिया है 
सब कुछ तो दिया है 
मैं जिस लायक हूँ उससे कहीं कुछ ज्यादा 
चारों तरफ नजर उठाकर देखा 
चिंतन-मनन किया 
ऐसा लगा मुझसा कोई नहीं 
न जाने कितनी दुर्घटनाओं से बचाया है 
नहीं तो आज मैं जहाँ हूँ 
जैसे हूं रह नहीं पाती 
कर्म,  प्रारब्ध भी तो कुछ है 
वह भी तो साथ चलता है 
मन में प्रश्न आना स्वाभाविक है 
आज तक रोना आता था 
आज अचानक हंसी आ गई 
कितना कुछ दिया 
जिंदगी हर मोड़ पर आसान बनाया 
मुश्किल काम हल हो गए 
शुक्रिया तो बनता है 
हाथ जोड़कर प्रार्थना
ऐसी ही कृपा बनाए रखना 
ऐसा नहीं है कि अब शिकायत नहीं होगी 
ओ तो होता ही रहेगा 
हक बनता है हमारा 
तुम्हीं तो सर्वस्व तो फिर कहना भी तो तुमसे ही 

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