Monday, 11 August 2025

राख

राख को देखा 
सब कुछ खाक देखा 
नहीं रहता कुछ बाकी 
सब कुछ खत्म हो जाता 
आग से ही राख है 
नश्वरता का नाम है 
सजीव- निर्जीव सब इसमें समाते 
अस्तित्व खत्म कर जाते 
सुलगती रहती जब तक ठंडी न हो जाती 
ठंडी तब होती जब नाश हो जाता 
अग्नि उर्जा है 
राख खाद है 
मिट्टी में मिल कर एक्सर हो जाना उसका काम है 
जिस बीज से वृक्ष 
उसी वृक्ष से आग 
फिर सब राख 
यही है जीवन चक्र 

No comments:

Post a Comment