Monday, 11 August 2025

काश ।

जो हुआ अच्छा हुआ 
यह न होता तो वह 
वह न होता तो कुछ और होता 
जो भी होता , होता तो जरूर 
हमारा तो उस पर वश नहीं 
सोचा तो बहुत कुछ 
वैसा हुआ तो नहीं 
कुछ ऐसा हुआ 
इसलिए वैसा नहीं हुआ 
इस - उस , ऐसे - वैसे 
हम तो उलझे हैं उसमें 
सुलझाते - सुलझाते खर्च होते रहते हैं 
बीतते रहते हैं 
एक दिन बीत भी जाते हैं 
हाथ मलते रह जाते हैं 
काश वैसा हुआ होता तो 
काश की आस में सब रह जाता 
वह काश कभी न आता 

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