Wednesday, 20 August 2025

आज नहीं तो कल

सब कुछ खत्म नहीं होता 
कुछ न कुछ बचा ही रह जाता है 
यही बचा तो जीवन में फिर खड़ा होना सिखाता है 
मझधार से नैया किनारे भी पहुंचती है 
हमेशा डूब ही नहीं जाते 
तैर कर बाहर भी आ जाते हैं 
ईश्वर की मर्जी हुई 
तब क्या कहने 
लहरें ही किनारे पर ला फेंक देंगी 
बस हिम्मत रखना 
समय बदलता जरूर है 
आज नहीं तो कल
कल नहीं तो परसों 

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