कितनी भी उंचाई पर पहुँच जाओ
कितनी भी सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ जाओ
अपने अतीत को कभी न भूलना
अपने संघर्ष को हमेशा याद रखना
समय- समय पर पीछे मुड़कर देख लेना
ताकि मन में अभिमान न हो
अपने पर गुरुर जरूर हो
अपनी काबिलियत पर नाज हो
ऐसी विषमता से हासिल हुआ जो
उस उपलब्धि को संभाल कर रखना
उन दिनों को उन लोगों को भी याद रखना
जो आपके इस मुकाम में आपके साथ रहे हो
ईश्वर को धन्यवाद देना
तुम काबिल होगे
उसकी कृपा के बिना कुछ नहीं होता
नजरे आसमान पर
पैर जमीन पर
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