ज्यादातर किसी से घुलना - मिलना नहीं
ज्यादा किसी से बातचीत नहीं
ठीक है
ढंग से कपड़े यहनना
लाज - शर्म औरत का गहना
ठीक है
किसी की बात का जवाब नहीं देना
एक कान सै सुन दूसरे से निकाल देना
ठीक है
ज्यादा बाहर घूमना नहीं
होटेल के खाने से अच्छा घर का खाना
ठीक है
घर का काम स्वयं करो
सेहत अच्छी रहेगी
ठीक है
नौकरी करने की क्या जरूरत
अपना घर संभालों
ठीक है
ज्यादा हंसना - खिलखिलाना नहीं
लोगों की नियत ठीक नहीं होती
ठीक है
एक बात समझ नहीं आई
सब खराब है
बस तुम जो सोचो
वह सही
तुमको सब करने की छूट
हमें सांस लेने में भी सोचना
कौन सी बात कब बुरी लग जाए
सब ठीक है
करते कहते उम्र निकल गई
ठीक फिर भी कुछ नहीं लगता
बेड़ी पड़ी हो तो जिंदगी खुश कैसे रहती
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