Sunday, 14 September 2025

हिन्द की हिन्दी कुछ कहती

मैं आपकी अपनी प्यारी हिन्दी हूँ 
मैं तो दिलों को करीब लाती हूँ 
अंजान से परिचय करवाती हूं
एक - दूसरे से संपर्क का माध्यम हूँ 
मैंने बड़े कठिन दिन भी देखे हैं 
मैं स्वतंत्रता की साक्षी रही हूँ 
मुझे बहुत प्यार मिला 
सबने मुझे प्यार से अपनाया 
मैं कठिन भी नहीं हूँ 
सब मुझे समझ लेते हैं 
मैं कोई भेद-भाव नहीं करती 
तभी तो हर कोई मुझे अपना लेता है 
मुझे तोड़ा - मरोड़कर पेश किया जाता है 
तब भी मुझे बुरा नहीं लगता 
खुशी होती है कि 
हर भाषा ने मुझे अपने साथ मिलाया है 
सब तो मेरी बहने हैं 
भाषा विवाद का माध्यम नहीं 
संवाद का माध्यम है 
मुझे आपसी झगड़ों में मत घसीटे 
मुझे जबरन किसी पर न थोपा जाएं
जो मुझसे प्यार करता है 
मैं तो उसी की हो जाती हूँ 
मैं जन सामान्य के करीब रहना चाहती हूँ 
गीतों में गुनगुनाना चाहती हूँ 
हंसाना - गुदगुदाना चाहती हूँ 
मैं किसी से दुश्मनी नहीं चाहती हूँ 
सबको साथ लेकर चलना चाहती हूं
मैं तो भाषा हूँ 
मुझे किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं है 
न किसी से ईर्ष्या- द्वेष हैं 
मैं तो आपकी वाणी में बसना चाहती हूँ 
मुझे स्वेच्छापूर्वक अपनाएं 
भरपूर प्यार दें 
मैं आपकी आभारी रहूंगी 
मैं तो आपसे ही हूँ 
मेरा अस्तित्व ही आपसे हैं 
हिन्द की हिन्दी 
आपसे यही कहती 
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभ कामना 

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