Friday, 26 September 2025

मैं ऐसा ही हूँ

मैं खड़ा देखता रहा 
लोगों को सुनता रहा 
उनकी राय जानता रहा 
अपने को अच्छा साबित करने की कोशिश करता रहा
सब बेअसर रहा
उन्होंने सोच ही लिया था 
मुझमें कमियां निकालने की 
मैं खूबी तलाश करता रहा 
वो कमी ढूंढते रहे 
अब तो हालात ऐसे हैं 
शक होता है 
मुझमें कुछ अच्छाई है या नहीं 
गलत ही रहा हमेशा 
जब सोच ही लिया 
मैंने भी छोड़ दिया 
तुम रहो अपनी खूबियों के साथ 
मैं जो हूँ 
जैसा हूँ 
उसी में खुश हूं
अब न परवाह न चिंता 
सब कुछ है वैसे का वैसा 
मैं क्यों बदलूं स्वयं को 
बनाऊ तुम जैसा 

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