Tuesday, 9 July 2019

शहीद की पत्नी का दर्द

शहीद तुम हुए
अनाथ हम हुए
तुम चले गए छोड़कर
हम वही खडे रहे
तुम मर कर अमर
हम जीकर लाचार
तुमने शत्रुओ से लोहा लिया
हम अपनों से भी नहीं लड पा रहे
तुम देश की ताकत बने
हम कमजोर होकर रह गए
आज सब तुम्हारे नाम के साथ
पर हमसे तो केवल तुम्हारा नाम जुडा
तुमसे से ही थी हमारी दुनिया
आज तुम्हें लोग याद कर रहे
कल पता नहीं भूल जाए
पर हमारी तो यादों में तुम ही समाए
हम कैसे भूल पाएंगे
तुम मरकर जीवित हो
हम जीवित ही मरे हुए
जिंदा लाश बने हुए
सारी संवेदना
सारी भावना
सारी खुशियाँ
तुम लेकर चले गये
हमें अकेला कर गए
वादा तो हमसे भी किया था साथ निभाने का
बीच मझधार में ही छोड़ दिया
एक वादे के लिए दूसरा वादा तोड दिया
तुमने तो अपनी जान दे दी
हमारी जान जो तुममें बसती थी
वह तो साथ ही ले गए
हमें अकेला कर गए
हम रोते रहे
तुम हंसते हंसते बिदा हो गए
देश पर फिदा हो गए
तभी तो हमसे बेवफा हो गए
शहीद तुम हुए
अनाथ हम हुए

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