Sunday, 7 July 2019

छूकछूक रेलगाड़ी

छूक छूक रेलगाड़ी
छूक छूक रेलगाड़ी
खेलते खेलते कब बडे हो गए
एक के पीछे एक चलते थे
अब जिंदगी की गाडी चल रही है
एक के बाद एक
कुछ न कुछ लगा ही रहना
यह कभी रुकती नहीं
हम सीटी बजाते इसके पीछे पीछे
चलते जा रहे
चलते जा रहे
यह दौडती जा रही
भागती दौडती कहती जा रही
छूक छूक रेलगाड़ी
छूक छूक रेलगाड़ी

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