Tuesday, 8 July 2014

Garibi ki paribhasha aakhir kya???

कोई कहता ५ रुपये में भर पेट खाना मिलता, कोई कहता ७ रुपये में खाना मिलता,
इतने में तो चाय भी नहीं मिलती, ५ रुपय और ७ रूपए के दिन लद गए
पेट की भूख मनुष्य को जानवर बना देती है, देश का कोई भी नागरिक भूखा नहीं सोना चाहिए
गोदाम मो में पड़ा अनाज सड़ रहा है, रखने की जगह नहीं है
सड़क पर खाने फेके जाते है, कोई एक बार में बैठ कर ५ हज़ार का खा जाता है 
तो किसी को २ जून की रोटी भी नसीब नहीं, इतनी असमानता क्यों??

प्रकर्ति ने हमको इतना दिया है की हर व्यक्ति पेट भर खाना खा सकता है,
पर जमा खोरो की वजह से यह भी मुमकिन नहीं 
सरकार को इस पर सचेत होना चाहिए 
हर व्यक्ति को आवास, भोजन, शिक्षा मिलनी ही चाहिए 
नेता कम से कम अपने बातों से गरीबी का मज़ाक तो न बनाए । 


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