तिरंगा जिनके हाथो में होना चाहिए था वे तिरंगे को ओढ न जाने कहॉ चले गये
वे मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्रता की लडाई लडने वाले
वह अब्दूल हमीद जिसने अकेले ही दुश्मनों को नेस्तनाबूंद कर दिया
वह कलाम जिसके इशारे पर मिसाइले उडती थी वह मिसाइल मैन कहॉ गुम हो गया
मॉ भारती को छोड कर न जाने तुम कहॉ चले गये
आज मॉ भारती को ऐसे ही लालों की जरूरत है
गर्व हो जिस पर और उनकी कुर्बानियों और योगदान पर
मॉ भारती कीऑखे तरस रही है
आज आपस में अपने बच्चो को लडती देख मॉ दुखी और उदास है
उन्हें आपस में लडने वाले लाल नहीं बल्कि उनका नाम रोशन करने वाले लाल चाहिए
और जब तक मौलाना आजाद ,अब्दूल हमीद और कलाम साहब जैसै लाल जन्म लेते रहेगे मॉ भारती को कौन तोड सकता है और हिन्दू मुसलमान को भी कोई अलग नहीं कर सकता
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Tuesday, 13 October 2015
कहॉ गये वे लोग जिन पर मॉ भारती को गर्व है
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