Saturday, 2 January 2016

नशा ,नशा होता है और कोई भी नशा जानलेवा ही होता है

हमारे पडोस में एक लडकी किराये पर रहने आई
वह मकान मालिक की रिश्तेदार थी
उनके लडके का आना जाना होने लगा
दोनों में नजदीकियॉ बढ गई और बात शादी तक पहुँच गई
जब वह आई थी तो कोई नशा नहीं करती थी पर अब एक हाथ में शराब और दूसरे हाथ में सिगरेट
अब उसको लत किसने लगाया उसके वर्तमान पति ने
अभी तो नया नया है ठीक है पर कल यही वाद विवाद का कारण बनेगा
आजकल तो पीने पिलाने का फैशन चल पडा है
और यह केवल शहरी क्षेत्रों में नहीं गॉव देहात में तो और पहले से था
औरते हुक्की ,बीडी इत्यादि का धडल्ले से इस्तेमाल करती थी
लडका हाईस्कूल पास हो जाता है तो वह तंबाखू खैनी खाना शुरू कर देता है
कुछ जगहों पर औरते तंबाकू भुन कर उसी को दंतमंजन के रूप में उपयोग करती है
पहले हुक्का पानी को सामाजिक प्रतिष्ठा से जोडा जाता था
तो इसकी जडे हमारे यहॉ मजबूती से जमी हुई है
इसके लिए नई पीढी को आगे आना पडेगा न कि खुद उसी में लिप्त होकर
तंबाखू मानसिकता से जुडी हुई है
उसका उपयोग कोई पान के रूप में तो कोई खैनी के रूप में तो कोई पाचन से जोडकर या समय बिताने के साधन के रूप में या फिर आधुनिकता से जोडकर
इस विष को किसी भी प्रकार नष्ट करने की जरूरत है
जितना ज्यादा हो सके लोगों में जाकरूकता फैलाकर
नहीं तो यह निकोटिन नामक जहर समाज को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोडेगा

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