Sunday, 1 May 2016

जय - जय महाराष्ट्र माझा - मी मुंबई कर

आज महाराष्ट्र दिवस है ,यहॉ रहने का मुझे अभिमान है
महाराष्ट्र ने सभी को आत्मसात किया है
हमारी मुंबई तो जान है
ऐसा शहर तो विश्व में ढूढे नहीं मिलेगा
कहा जाता है मुंबई में वह खासियत है
हिन्दी मे कहावत है
उडी - उडी जहाज का पंछी फिर - फिर जहाज पर आवे
मुंबई हमको बुलाती है ,आवाज देती है
यहॉ रहने वाला एक छोटे से घर में भी सुकुन महसूस करता है
विशाल समुद्र जैसा इसका दिल भी है जो सबको आत्मसात कर लेता है
हमारी लोकल ट्रेन भी एक अपनत्व का एहसास देती है
मुंबई रोजी - रोटी देती है
इस शहर ने फर्श से अर्श तक लोगों को पहुंचाया है
यह तो हमारा छोटा सा भारत है
भारत की आर्थिक राजधानी और महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई का तो जवाब नहीं
इस शहर ने रोजी - रोटी दी है
सम्मान दिया है ,अपनाया है
कहीं भी जाते हैं तो कुछ समय के लिए ठीक है
पर सुकुन तो यही मिलता है
गॉव में आसमान भले ही खुला हो पर मुंबई का तो दिल खुला है
यह वह नगरी है जो बिना रूके ,बिना थके अनवरत चलती रहती है
समानता की भावना भी यही दिखाई देती है
नारी सुरक्षा के मामले में भी
यहॉ औरते बेखौफ रहकर अपना काम करती है
रात को भी यह शहर जागता है
एक मुंबई कर होने के नाते मैं गर्व से कह सकती हूं
जय - जय महाराष्ट्र माझा ,गरजा महाराष्ट्र माझा

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