Monday, 2 May 2016

फिर चमका सोना

सोना या स्वर्ण हमेशा से ही लोगों को ललचाता रहा है
रामायण में जानकी का सोने के प्रति प्रेम ही उनके अपहरण का कारण रहा
न राम मृग के पीछे जाते न हरण होता
रावण की सोने की लंका तो सर्व विदित है
सोने के प्रति व्यक्ति मोह छोड ही नहीं पाता
बीच में कुछ समय के लिए सोने के दाम बढना रूक गए थे बल्कि कम भी हो गए थे
लगा कि अब यह मोह कम हो जाएगा
सरकार भी इसके लिए प्रयत्न शील है
पर यह मोह तो मानता नहीं
मंदिरों में भी सोना पडा है
हर घर में भी सोना है क्योंकि हमारे यहॉ हर मौके पर सोना खरिदने का रिवाज है
दहेज का कारण भी यही है
लूटमार की आए दिन घटनाएं बढ रही है
वह राजा की यह कहानी कि जो भी वरदान मॉगे मिल जाएगा तो उसने यही वरदान मॉग लिया कि
जिस चीज को हाथ लगाए ,वह सोना हो जाएगा
इस तरह उसने अपनी बेटी को भी हाथ लगा दिया
यह स्वर्ण मरीचिका खत्म होने का नाम नहीं लेती
आज फिर सोने के दाम तेजी से बढ गया है
क्योंकि डॉलर कमजोर हुआ है
ऐसे ही चलता रहा तो यह कहॉ जाकर खत्म होगा
सोनारों की हडताल खत्म हो चुकी है
इस बार तो सोने पर राजनीति हो रही है
न जाने यह कहॉ जाकर खत्म होगी

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