Wednesday, 6 July 2016

जिंदगी फिर न मिलेगी दोबारा

आप धीरे - धीरे मर रहे हैं
अगर आप यात्रा नहीं कर रहे
अगर आप पढते नहीं
अगर आप दूनियॉ का हाल नहीं जानना चाहते
आप को समाचार से मतलब नहीं
आप हँसते नहीं
आप लोगों से जुडते नहीं
आप किसी से बात नहीं करना चाहते
आप प्यार नहीं कर सकते
किसी के दुख - दर्द से सराेकार नहीं
आपकी ऑखें नम नहीं होती
    
जीना सीखिए
यात्रा का आनंद लीजिए
सैर कीजिए ,मारनिंग वॉक का आंनद ले
खिलखिलाकर हँसे
किसी के दुख में भागीदार बने
किसी की खुशियों का आनंद ले
दोस्तों के बीच खिलखिलाकर हँसे
रोना आए तो रो ले

स्वयं को माफ करें और दूसरों को भी
अपने को कोसना छोडे
जो हुआ सो हुआ
बीता हुआ तो नहीं आएगा
आने वाला तो हमारे हाथ में है
ईश्वर पर अपने हाल को छोड दे
जो बस में नहीं उसकी चिंता क्यों

कल क्या होगा इसको छोड 
आज क्या कर सकता हूँ
अपनी पूरी कोशिश करें
जो हो सकता है वह भी
न हो सकता है
हर हाल में खुश रहे
जिंदगी को तिल- तिल मरने देने की अपेक्षा
पल - पल जीए
एक ही बार मिली है जिंदगी
               दोबारा मिले या न मिले

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