Saturday, 6 August 2016

मेरी बिटियॉ मेरी दुनियॉ

मेरी बिटियॉ मेरी दुनियॉ ,मेरी दिल की धडकन
सुबह - शाम बाट जोहती
सुंदर - सुंदर वस्र खरिदती
तेरी बोली सुनने को व्याकुल रहती
तुझमें ढूढती अपनी खुशियॉ
मेरी आशा ,मेरे सपने ,सब कुछ तो तुझसे ही
जो कुछ तुझको भाता ,वह मुझको भी लगता प्यारा.
तुझे पढाती - लिखाती ,बतियाती ,निहारती
तुझे देख फूला न समाती
आगे बढते ,तरक्की करते ,शिखर पर पहुंचते.
हर पल सहायता को तत्पर रहती
तुझमें ही मेरी दुनियॉ बसती
हर पल ख्यालों में रहती
खाना& पीना ,सोना -उठना - बैठना
तुझमें बसते राम- कृष्ण
स्मरण करती ,अराधना करती
तुम पर न्योछावर जाती
बिटियॉ नहीं यह तो है मेरी दुनियॉ

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