युद्ध औ युद्ध की विभिषिका से डर लगता है
युद्ध का परिणाम मानव जाति की हानि
जमीन और पानी के लिए लडाई
विकास को क्षण भर में ध्वस्त
क्या लेकर आए हैं और क्या लेकर जाएगे
जन्नत को नरक बनाने में कोई कसर नहीं
हर दिन रक्तपात ,गोलाबारी
प्रेम और सौहाद्र की भाषा समझने को तैयार नहीं
बातचीत को धता बता देना
हम तो मारेगे जो करना हो करो
इतनी हेकडी
फिर तो रास्ता क्या बचा????
एक सहता रहे ,दूसरा वार करता रहे
सैनिकों को मारता रहे
आंतकवाद फैलाता रहे
फिर शॉति और दोस्ती कैसे संभव
कभी भाई रहे आज एक- दूसरे के सामने कट्टर दुश्मन बन खडे हैं
केवल विनाश की भाषा के साथ
पडोसी अच्छा स्वर्ग यही ,बुरा तो नर्क यही
हर समय का साथ है उसका
पाकिस्तान को यह बात भी मालूम है
इसलिए अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा
धीरज और सहनशीलता का मतलब नहीं समझ रहा
खिसियानी बिल्ली खंभा नोचने के सिवाय और कर भी क्या सकती है
इसलिए सर्जिकल कारवाई के बाद और गोलाबारी कर रहा है
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