पीले ,कुचले ,दबे पत्ते
जमीन पर पडे हैं
कभी यही पत्ते पेड की शोभा हुआ करते थे
लोगों को छाया दिया करते थे
आज डाली से टूट गए हैं ,झड गए है
महत्तव खत्म हो गया है
क्योंकि अब इनमें जान नहीं बची है
अब पेड से निर्वासित कर दिया है
पर देखा जाय तो अब भी यह उपयोगी है
इनसे किसी का चूल्हा जलेगा
किसी की ताप कर ठंडी भागेगी
कोई पत्तल - दोने बानाएगा
आखिरी पडाव तक यह पत्ता काम करेगा
जिंदगी के बाद भी
व्यर्थ तो कुछ भी नहीं जाएगा
बस कीमत समझना है
हर कण बहुमूल्य है
हर जीवन कीमती है
बस अपना दृष्टिकोण बदलना है
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Wednesday, 19 October 2016
पेड की डाली से टूटा पत्ता
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