मोहनदास करमचंद गांधी
यह नाम विश्व में सबसे चर्चित और सम्मान जनक
पर गांधी क्या केवल आम इंसान थे
वे बैरिस्टर थे या फिर चतुर बनिया
यह कहना मुश्किल है
पर वह चतुर राजनीतिज्ञ जरूर थे
बनिया भी वे थे ही और अपने अस्र का प्रचार करना भी उन्हें बखूबी आया
उन्होंने तो अपनी लडाई ही कपडे और नमक से शुरू की
मोहनदास यह भलीभॉति जानते थे कि यह नमक हमारे आंदोलन को घर- घर पहुँचाएगा
नमक को लेकर दांडी यात्रा की और सबके दिलों तक भी पहुँचे
विदेशी कपडो का बहिष्कार और स्वयं भी कपडा त्याग केवल एक धोती पर रहकर वे महात्मा बने
नमक और कपडा हर एक की जरूरत है
क्या अमीर क्या गरीब
क्या झोपडी क्या महल
क्या शहर क्या गॉव
उसको माध्यम बनाकर सत्याग्रह और अहिंसा ने गांधी को सर्वोच्च शिखर पर पहुँचा दिया
जिन लोगों ने उनको रेल के डिब्बे से बाहर फेका था
उन्हीं को देश से बाहर फिकवाने में कामयाब हो गए
गोली का जवाब लाठी से देना
इसका परिणाम वह जानते थे
सत्याग्रह और चंपारण के आंदोलन ने तो गांधी को इंसान से महात्मा बना दिया
वे मसीहा बन गए
राष्ट्र पिता की उपाधि से नवाजे गए
बनिया वाला गुण तो था उनमे
बिना विज्ञापन के युग के गांधी घर- घर में पहुंच गए थे
यहॉ तक कि विश्व के महान पुरूषों में उनकी गिनती होती है
अगर चाणक्य के बाद कोई चतुर राजनीतिज्ञ हुआ तो वह मोहनदास करमचंद गांधी ही थे
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Monday, 12 June 2017
गांधी महात्मा या चतुर बनिया
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