Monday, 12 June 2017

गांधी महात्मा या चतुर बनिया

मोहनदास करमचंद गांधी
यह नाम विश्व में सबसे चर्चित और सम्मान जनक
पर गांधी क्या केवल आम इंसान थे
वे बैरिस्टर थे या फिर चतुर बनिया
यह कहना मुश्किल है
पर वह चतुर राजनीतिज्ञ जरूर थे
बनिया भी वे थे ही और अपने अस्र का प्रचार करना भी उन्हें बखूबी आया
उन्होंने तो अपनी लडाई ही कपडे और नमक से शुरू की
मोहनदास यह भलीभॉति जानते थे कि यह नमक हमारे आंदोलन को घर- घर पहुँचाएगा
नमक को लेकर दांडी यात्रा की और सबके दिलों तक भी पहुँचे
विदेशी कपडो का बहिष्कार और स्वयं भी कपडा त्याग केवल एक धोती पर रहकर वे महात्मा बने
नमक और कपडा हर एक की जरूरत है
क्या अमीर क्या गरीब
क्या झोपडी क्या महल
क्या शहर क्या गॉव
उसको माध्यम बनाकर सत्याग्रह और अहिंसा ने गांधी को सर्वोच्च शिखर पर पहुँचा दिया
जिन लोगों ने उनको रेल के डिब्बे से बाहर फेका था
उन्हीं को देश से बाहर फिकवाने में कामयाब हो गए
गोली का जवाब लाठी से देना
इसका परिणाम वह जानते थे
सत्याग्रह और चंपारण के आंदोलन ने तो गांधी को इंसान से महात्मा बना दिया
वे मसीहा बन गए
राष्ट्र पिता की उपाधि से नवाजे गए
बनिया वाला गुण तो था उनमे
बिना विज्ञापन के युग के गांधी घर- घर में पहुंच गए थे
यहॉ तक कि विश्व के महान पुरूषों में उनकी गिनती होती है
अगर चाणक्य के बाद कोई चतुर राजनीतिज्ञ हुआ तो वह मोहनदास करमचंद गांधी ही थे

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