आसिफा बेटी थी किसी की
लाडली , गुडियों का शौक
तितली - फूलों संग खेलती
घाटी - पहाड़ियों मे उछलती - कूदती
जानवरों संग फुदकती
निश्छल - भोली
नहीं पता था इन नराधमों का शिकार होगी
ये वहशी जानवरो की भेट चढेगी
वह भी मंदिर जैसी पवित्र स्थान पर
कोई बचाने नहीं आया
ईश्वर भी नहीं बचा सके
उनके ही दरबार मे
पुलिस की तो बात ही छोड़ दें
वह भी शामिल हो गई
इंसानियत शर्म शार हो गई
आठ साल की बच्ची के साथ इतना अत्त्याचार
किस मां के लाल है ये ????
अपनी. मां के साथ भारत माता को भी बदनाम किया
उस पर हिंदू - मुस्लिम की दूहाई
इनको तो सरेआम चौराहे पर खडा कर गोली मारना था
पर कानून आडे आ जाता है
बरसों केस चलेगा
तारीख पर तारीख
लोग भूल जाएंगे
इन जैसो के हौसले फिर बुंलद होगे
फिर कुछ कुकृत्य
महिला मुख्यमंत्री उस पर बेटी का यह हाल
भगवान ,सरकार ,कानून
न्याय करते है या नहीं
देर पर अंधेर नहीं
कडी सजा दी जाय
बेटी बचेगी तभी त़ो आगे बढेगी
गर्भ से बची तो नराधमों के हत्थे चढ़ी
पापी बचना नहीं चाहिए
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Saturday, 14 April 2018
क्या इंसाफ मिलेगा आसिफा को ??
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