Friday, 25 May 2018

घूंघट और नकाब

औरत को मुंह ढककर रहना है
कोई देख न ले
किसी की नजर न पड जाय
क्यों ??
क्या हो जाएगा
औरत परदे मे क्यों रहे
यह नियम किसका बनाया
पुरूष के लिए यह नियम है क्या??
ईश्वर ने तो यह नियम नहीं बनाया
फिर इसे क्यों माना जाय
सबको अपनी मरजी से रहने का.हक
किसी पर कुछ लादा न जाय
एक ही जिंदगी मिली है
उसे नियमों का दास न बनने दे
परदे मे नहीं खुलकर जीना है
उन्नति करनी है
सारे बंधन तोड़ना है
अपनी मरजी से जीना है

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